हम युवा हैं हम करें मुश्किलों से सामना ।
मातृभूमि हित जगे है हमारी कामना ।।
संस्कृति पली यहाँ , पुण्य भू जो प्यारी है।
जननी वीरों की अनेक , भरत भू हमारी है।।
ऐसा अब युवक कहाँ , दिल जिसके राम ना।।1।।
ज्ञान के प्रकाश की , ले मशाल हाथ में।
शील की पवित्रता , है हमारे साथ में।।
एकता के सुर उठे, छूने को ये आसमां।।2।।
ये कदम हजारों अब, रूक न पायेंगे कभी।
मंजिलों पे पहुँच कर ही विराम ले सभी ।।
ध्येय पूर्ति पूर्व अब , रूक न पाये साधना।। 3।।
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