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मौत से ठन गयी - अटल बिहारी वाजपेयी जी
ठन गई ! मौत से ठन गई ! झुझने का कोई इरादा न था , मोड पर मिलेगे इसका वादा न था रास्ता रोक कर वो खड़ी हो गई , यों लगा जिंदगी से बड़ी हो गयी ...
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कभी थे अकेले हुए आज इतने नहीं तब डरे तो भला अब डरेंगे विरोधों के सागर में चट्टान है हम जो टकराएंगे हमसे मौत अपनी मरेंगे लिया ह...
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जब हम किसी नेता , मोटीवेशन वक्ता या ऐसे किन्ही व्यक्तियों को देखते तो हम यह सोचते है कि क्या हम इस प्रकार से कभी बोल सकते है । कैसे एक न...
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लक्ष्य शिखर की ओर अग्रसर , भारत का पावन अभियान लोकशक्ति के स्वप्नों पर अब , युवा शक्ति भी है गतिमान आओ तीव्र ...
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