शनिवार, 31 दिसंबर 2022

लो श्रद्धांजली राष्ट्र पुरुष , शत कोटी हृदय के कंज खिले है


लो श्रद्धांजली राष्ट्र पुरुष , शत कोटी हृदय के कंज खिले है |

आज तुम्हारी पूजा करने ,सेतु हिमालय संग मिले ||


माँ के पद पद्मों तुमने जो अमूल्य उपहार रखा है |

सत्य चिरंतन अक्षय है , हिन्दू की अमिट रूपरेखा है || 

पावन संस्कारों से निर्मित , तन मन ये अभेद्य किले |

आज तुम्हारी पूजा करने ..........................................

तुमने किया व्यतीत कठिनतम , लोक - प्रसिद्ध - परामुख जीवन |

भीष्म समान रहे तुम अविचल , हिन्दू राष्ट्र के हित जीवन ,

देव ! तुम्हारी घोर  तपस्या के ही  ये सुफल मिले है ||

 आज तुम्हारी पूजा करने ----------------------------------

तुम अजात और लोक संग्रही , संघ शक्ति के वलय कोण थे ,

देव ! बता दो प्रतिपक्षी भी क्यों इतने संतुष्ट मौन थे , 

सुनकर पावन चरित तुम्हारा  कोटी हृदय प्रस्तर पिघले है ||

 आज तुम्हारी पूजा करने ----------------------------------

आज तुम्हारी पार्थिव प्रतिमा चर्म चक्षुओ से अद्रश्य है ,

किन्तु कोटी उर निलयों में तब दिव्य मूर्ति प्रस्थित अखंड है ,

तेजोमय प्रतिबिंब तुम्हारे , स्वयं सिद्ध अगणित निकले है ||

आज तुम्हारी पूजा करने --------------------------------------




सोमवार, 26 दिसंबर 2022

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान हैं

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान हैं | 
इसके वास्ते ये तन हैं , मन हैं , प्राण हैं ||धु||

इसके कण कण में लिखा रामकृष्ण नाम है |
हुतात्माओं के रुधिर में भूमि शस्य श्याम हैं ||
धर्म का ये धाम है , सदा इसे प्रणाम है | 
स्वतंत्र है यह धरा स्वतंत्र आसमान है || 1||

इसकी आन पर अगर बात कोई आ पड़े | 
इसके सामने जुल्म के पहाड़ हो खड़े ||
शत्रु सब जहां हो विरुद्ध आसमान हो |
मुक़ाबला करेंगे जब तक जान में जान हो ||2|| 

इसकी गोद में हजारों गंगा , यमुना झूमती |
इसके पर्वतों की चोटियाँ गगन को चूमती ||
भूमि ये महान है निराली इसकी शान है | 
इसकी जय पताका पर लिखा विजय निशान है ||3|| 

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है |
इसके वास्ते ये तन है , मन है , प्राण है ||

बुधवार, 21 दिसंबर 2022

परिवर्तन के संवाहक - 1 बाल विवाह निरस्त कराने वाली कृति बनीं बदलाव की वाहक

अब बालिका वधु नहीं - देश में पहली बार बाल विवाह निरस्त कराने का श्रेय मिला राष्ट्रीय स्वयं सिद्ध सम्मान 

 डॉ. कृति भारती के प्रयासों से पहली बार हुआ जब कोई बाल विवाह निरस्त कर दिया गया | राजस्थान में बाल विवाह निरस्त कराने और रोकथाम की मुहिम के लिए सारथी ट्रस्ट की प्रमुख डॉ. कृति को जिंदल फ़ाउंडेशन का राष्ट्रीय स्वयं सिद्ध सम्मान मिला | राजस्थान की जड़ों में घर की हुई बाल विवाह जैसी प्रथा को सामाजिक परिवेश में रहकर बदलने , बाल विवाह को निरस्त करवाने और ऐसे विवाहों पर कारगर लगाम लगाने की अनूठी और उतनी ही साहसिक मुहिम को अब राष्ट्रीय पहचान मिलने लगी है | अन्य राज्यों में भी सारथी ट्रस्ट की इस मुहिम से जुड़कर लोग इस कुरीति को बदलना चाहते है | राजस्थान में किए गये प्रयासों से अन्य को प्रेरणा मिल रही है | सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ कृति भारती पेशे से पुनर्वास मनोवैज्ञानिक हैं | 

परिवर्तन के संवाहक - 1 बाल विवाह निरस्त कराने वाली कृति बनीं बदलाव की वाहक 


बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के आधार पर डॉ कृति ने देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर अनूठी पहल की थी | उसी क्रम में आगे बड़ते हुये अनवरत 40 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाए और कई अन्य बाल विवाह होने से रुकवाए गए , 32 वर्षीय कृति बताती हैं की बाल विवाह को मिटाने की मुहिम को बड़ाते हुये उन्होने बचपन में बहुत संघर्ष झेले और अब भी अविवाहित हैं | कहती हैं , कई बालिका बधूओं को संरक्षण देकर महज मातृ धर्म का निर्वहन कर रही हूँ | समाज की जकड़ने को तोड़ने का काम आसान नहीं था , जान का जोखिम झेलने के अलावा कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता था | पिता ने मुझे और माँ का परित्याग किया था , जिसके बाद घटित हुये अन्य घटनाओं का बाल मन पर ऐसा असर हुआ की समाज की कुरीतियों के खिलाफ उठ खड़ी हुई | यहाँ तक कि सरनेम भी त्याग कर भारती कर लिया | 

"ऐसे बनी स्वयंसिद्ध ......................................"

देश में पहली बार बाल विवाह निरस्त कराने की राह खोज निकालने के साथ देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाने को लेकर जोधपुर के सारथी ट्रस्ट का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्डस इंडिया में शामिल है | वर्ष 2016 में महज तीन दिन में दो बाल विवाह निरस्त करवाने पर इसे युनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया | डॉ कृति भारती को बाल व महिला कल्याण पुनर्वास के क्षेत्र में साहसिक नवाचारों के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानों से नवाजा जा चुका है |

सोमवार, 19 दिसंबर 2022

युगों युगों से दुनिया चलती, जिसके दिव्य प्रकाश में YUGO YUGO SE DUNIYA CHALATI JISKE DIVYA PRAKASH MEN

युगों युगों से दुनिया चलती, जिसके दिव्य प्रकाश में 


 युगों युगों से दुनिया चलती, जिसके दिव्य प्रकाश में |

पुरुखों की वह पौरुष गाथा , अजर अमर इतिहास में ||

भारत के इतिहास में ----------------(1)

अपना बल ही अपना वैभव , कुरुक्षेत्र मैदानों में 

विजय लिखी थी खड़ग नौंक से , शक हुणी तूफानों में 

हार नहीं जय विजय पराक्रम , पुरुखों के पुरुषार्थ में ||

   भारत के इतिहास में -----------------(2)

राज्य सैकड़ो रहा विदेशी , पर अखंड यह परिपाटी 

मिटा मिटाने वाला उसको , तेजोमय इसकी माटी 

अमर - अमिट हिन्दू संस्कृति है , जल थल में आकाश में ||

      भारत के इतिहास में ----------------(3)

भौतिकता से त्रस्त विश्व की , एकमात्र भारत आशा 

परमानंद शांति की जननी , पूर्ण करेगी अभिलाषा 

यत्न संगठित बने मील के , पत्थर विश्व विकास में ||

     भारत के इतिहास में ---------------------(4)

व्यष्टि - समष्टि - सृष्टि जीवन में , कलिमल आहत मर्यादा 

हिन्दू संस्कृति संस्कारों से , दूर करेगी हर बाधा 

पतित पावनी संस्कृति गंगा , जन मन हृदयकाश में ||

भारत के इतिहास में --------------------(5)

मौत से ठन गयी - अटल बिहारी वाजपेयी जी

  ठन गई ! मौत से ठन गई ! झुझने का कोई इरादा न था ,  मोड पर मिलेगे इसका वादा न था  रास्ता रोक कर वो खड़ी हो गई , यों लगा जिंदगी से बड़ी हो गयी ...