सोमवार, 26 दिसंबर 2022

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान हैं

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान हैं | 
इसके वास्ते ये तन हैं , मन हैं , प्राण हैं ||धु||

इसके कण कण में लिखा रामकृष्ण नाम है |
हुतात्माओं के रुधिर में भूमि शस्य श्याम हैं ||
धर्म का ये धाम है , सदा इसे प्रणाम है | 
स्वतंत्र है यह धरा स्वतंत्र आसमान है || 1||

इसकी आन पर अगर बात कोई आ पड़े | 
इसके सामने जुल्म के पहाड़ हो खड़े ||
शत्रु सब जहां हो विरुद्ध आसमान हो |
मुक़ाबला करेंगे जब तक जान में जान हो ||2|| 

इसकी गोद में हजारों गंगा , यमुना झूमती |
इसके पर्वतों की चोटियाँ गगन को चूमती ||
भूमि ये महान है निराली इसकी शान है | 
इसकी जय पताका पर लिखा विजय निशान है ||3|| 

जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है |
इसके वास्ते ये तन है , मन है , प्राण है ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मौत से ठन गयी - अटल बिहारी वाजपेयी जी

  ठन गई ! मौत से ठन गई ! झुझने का कोई इरादा न था ,  मोड पर मिलेगे इसका वादा न था  रास्ता रोक कर वो खड़ी हो गई , यों लगा जिंदगी से बड़ी हो गयी ...